भारत के प्रमुख बांधों की सूची – नदी, राज्य, मानचित्र, स्थान और विशेषताओं के साथ – एक तुलनात्मक अध्ययन: बांधों पर नवीनतम सामान्य ज्ञान पढ़ें। बैंक परीक्षा के लिए भारत के प्रमुख बांधों की प्रश्नोत्तरी। प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भारत के प्रमुख बांध सामान्य ज्ञान क्विज। भारत में, अनगिनत प्राकृतिक संसाधनों के साथ एक विशाल देश होने के नाते, कई बड़े बांध हैं। यहां सवाल उठता है- बड़े बांध की परिभाषा क्या है? गहरी नदी के तल से 15 मीटर की ऊँचाई तक और 1 मिलियन m3 की भंडारण क्षमता से अधिक होने पर कोई बांध “लार्ज डैम” कहा जाता है। इंटरनेशनल कमीशन ऑन लार्ज डैम (ICOLD) के अनुसार बड़े बांध की विशिष्टताऐं और परिभाषा इस प्रकार है।
- एक बांध जिसकी गहरी नींव से लेकर शिखर तक 15 मीटर से अधिक ऊँचाई हो।
- 10 और 15 मीटर की ऊँचाई के बीच का एक बांध, बशर्ते यह निम्नलिखित में से किसी एक नियम का अनुपालन करे:
- शिखा की लंबाई 500 मीटर से कम नहीं हो
- गठित जलाशय की कम से कम एक मिलियन घन मीटर भंडारण क्षमता
- अधिकतम 2000 क्यूबिक मीटर प्रति सेकंड बाढ़ डिस्चार्ज
- विशेष रूप से डिजायन की गई नींव की समस्याएं
- एक असामान्य डिजाइन होना
भारत में बांधों के बारे में विशेष सामान्य ज्ञान
- तमिलनाडु के तंजावुर जिले में कावेरी बांध, लगभग 100 ईसा पूर्व – 100 ईस्वी और कावेरी नदी पर स्थित, भारत का पहला बांध माना जाता है।
- उत्तराखंड में भागीरथी नदी पर बना टिहरी बाँध, भारत का सबसे ऊँचा बाँध है।
- ओडिशा राज्य के संबलपुर में महानदी नदी पर बना हीराकुंड बांध भारत का सबसे लंबा बांध है।
- तेलंगाना राज्य में कृष्णा नदी पर बना नागार्जुन सागर बांध, विश्व का सबसे बड़ा मेसनरी बाँध है, 01.01.2019 के अनुसार।
भारत में महत्वपूर्ण बांधों की सूची
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सामान्य ज्ञान
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए भारत के प्रमुख बांधों की सूची नदी, राज्य, स्थान, विशेषताओं और सामान्य ज्ञान क्विज के साथ। एसएससी और यूपीएससी परीक्षा के लिए भारत के प्रमुख बांधों की सामान्य ज्ञान स्टडी।
नाम | नदी | स्थान | लंबाई (मीटर में) | उंचाई (मीटर में) | भंडारण क्षमता (MCM) |
---|---|---|---|---|---|
टिहरी बांध | भागीरथी | टिहरी गढवाल, उत्तराखंड | 575 | 260.5 | 3540 |
निजाम सागर बांध | मंजीरा | बांसवाडा, निजामाबाद, तेलंगाना | 6392.73 | 95.72 | 362.40 |
लखवार बांध | यमुना | देहरादून, उत्तराखंड | 451 | 204 | 587.84 |
सोमाशिला बांध | पेन्नार | Atmakur (नेल्लोर), Andhra Pradesh | 352 | 39 | 16 Tmc |
इडुक्की (एब)/इडुक्की आर्च बांध | पेरियार | तोडुपुलै, इडुक्की, केरल | 366 | 169 | 1998.57 |
भाखडा बांध | सतलुज | बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश | 518.16 | 167.64 | 9867.84 |
पकाल दुल बांध | मरुसूदर | किश्तवाड़, जम्मू-कश्मीर | 305 | 167 | 1254 |
सरदार सरोवर बांध | नर्मदा | राजपीपला, वडोदरा, गुजरात | 1210 | 163 | 9500 |
हीराकुंड बांध | महानदी | संबलपुर, ओडीशा | 4800 (25.8 km entire dam) | 61 | 5896 |
श्री सैलम बांध | कृष्णा | नंदीकोटकूर, कुरनूल, Telangana | 512 | 145 | 8724.88 |
रणजीत सागर बांध | रावी | पठानकोट, पंजाब | 617 | 145 | 3280 |
बगलिहार बांध | चेनाब | रामबन, जम्मू-कश्मीर | 364.362 | 143 | 475 |
चमेरा-1 बांध | रावी | भटियात, चंबा, हिमाचल प्रदेश | 295 | 140 | 242.3 |
चेरुठोणी बांध | चेरुठोणी | तोडुपुलै, इडुक्की, केरला | 651 | 138.38 | 1998.57 |
पोंग बांध | ब्यास | गोपीपुर, कांगडा, हिमाचल प्रदेश | 1950.7 | 132.59 | 8570 |
जमरनी बांध | गोला | नैनीताल, उत्तराखंड | 465 | 130.6 | |
सुबनसिरी लोअर बांध (एन.एच.पी.सी) | सुबनसिरी | लोअर सुबनसिरी, अरुणाचल प्रदेश | 284 | 130 | 1643 |
रामगंगा बांध | रामगंगा | लैंसडौन, उत्तराखंड | 630 | 127.5 | 2448 |
नागार्जुन सागर बांध | कृष्णा | गुरुजला, गुंटूर, तेलंगाना | 4865 | 124.66 | 11553 |
कक्की (एब) बांध | कक्की | रानी, पथनमथिट्टा, केरल | 336.19 | 116.13 | 454.07 |
नागी बांध | नागी | जमुई, बिहार | 1884 | 113.5 | 108 |
सलाल (रॉकफिल एंड कंक्रीट) बांध | चेनाब | गुलाबगढ़, रियासी, जम्मू कश्मीर | 487 | 113 | 28.5 |
लख्या बांध | लख्या होल | मुदिगेरे, चिकमंगलूर, कर्नाटक | 1048 | 108 | 273.79 |
शोलयर बांध | शोलयर | पोलाची, कोयम्बटूर, तमिलनाडु | 1244.18 | 105.16 | 152.48 |
कोयना बांध | कोयना | पाटन, सतारा, महाराष्ट्र | 807.72 | 103.02 | 2980.69 |
इदमलयर (एब) बांध | इदमलयर | देवीकोलम, इडुक्की, केरल | 373 | 102 | 1208.23 |
सूपा बांध | काली नदी | सुपा, उत्तर कन्नड, कर्नाटक | 331.29 | 101 | 4178 |
करजन बांध | करजन | राजपीपला, गुजरात | 903 | 100 | 630 |
राजघाट बांध | बेतवा | ललीतपुर/चंदेरी (bordered UP/MP) | 573 | 73 | 96 |
कुलामावउ (एब) बांध | किलीविल्लीथोड | तोडुपुलै, इडुक्की, केरल | 385 | 100 | 1998.57 |
कोटेश्वर बांध | भागीरथी | प्रतापनगर, टिहरी, उत्तराखंड | 300.5 | 97.5 | 88.9 |
Lower : PPSP Dam | किश्तोबाजार नाला | पुरुलिया, पश्चिम बंगाल | 310 | 95 | 16 |
दोयांग हैप बांध | दोयांग | वोखा, नागालैंड | 462 | 92 | 565 |
रिहंद बांध | रिहंद | दूधी, सोनभद्र, उत्तर प्रदेश | 932 | 91.46 | 10608.32 |
इंदिरा सागर (NHDC) बांध | नर्मदा | खंडवा, मध्य प्रदेश | 654 | 91.4 | 12220 |
वार्णाबांध | वार्णा | साहूवाडी, कोल्हापुर, महाराष्ट्र | 1580 | 88.8 | 974.188 |
Bhatsa बांध | Bhatsa and chorna | शाहपुर, ठाणे, महाराष्ट्र | 959 | 88.5 | 976.1 |
पिल्लूर बांध | भनावी | मेत्तूप्पलीयम, कोयम्बटूर, तमिलनाडु | 357 | 88 | 44.4 |
अपर कोड्यार बांध | कोड्यार | कलकुलम, कन्याकुमारी, तमिलनाडुNadu | 166 | 88 | 98.51 |
हसदेव बांगो परियोजना (मिनीमाता) | हसदेव | कटघोडा, कोरबा, छत्तीसगढ | 554.5 | 87 | 3417 |
जाखम मेन बांध | माही जाखम | प्रतापगढ, राजस्थान | 253 | 87 | 142.02 |
तीस्ता-5 (एन.एच.पी.सी) बांध | तीस्ता | उत्तर सिक्किम | 176.5 | 86.8 | 13.5 |
लोअर घाटघर बांध | शाही नाला | शाहपुर, ठाणे, महाराष्ट्र | 449 | 86.14 | 3.21 |
कल्लड (पाराप्पर) (एद) बांध | कल्लड | पत्तनपुरम, कोल्लम, केरल | 335 | 85.35 | 524 |
माडुपत्ती (एब) बांध | पलार | देवीकोलम, इडुक्की, केरल | 237.74 | 85.34 | 55.4 |
पार्वती-2 बांध | पार्वती | कुल्लू, हिमाचल प्रदेश | 101.5 | 85 | 6.55 |
चक्र बांध | चक्र | होशन्गारा, शिमोगा, कर्नाटक | 570 | 84 | 222.6 |
भंडारदरा बांध | पारावारा | अकोला, महाराष्ट्र | 2717 | 82.35 | 312.6 |
लोअर वैतरणा बांध | वैतरणा | शाहपुर, ठाणे, महाराष्ट्र | 567.07 | 82 | 204.98 |
ऊकाई बांध | तापी | सोनगढ, गुजरात | 4927 | 81 | 8510 |
परम्बिकुलम अलियार परियोजना | अलियार | पोलाची, कोयम्बटूर, तमिलनाडु | 315 | 81 | 26.57 |
अरूणा बांध | अरूणा | वैभववाडी, सिंधुदुर्ग, महाराष्ट्र | 1240 | 80.41 | 93.378 |
सिंगुर बांध | मंजीरा | सांगारेड्डी, तेलंगाना | 7520 | 33 | 30 TmcFt |
अपर भवानी बांध | भवानी | उदगमंडलम्, तमिलनाडु | 419 | 80 | 101.2 |
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए डैम जीके क्विज
भारत सरकार का नेशनल रजिस्टर ऑफ़ लार्ज डैम (एन.आर.एल.डी) भारत में बांधों के ज्ञान का संकलन है। एन.आर.एल.डी में बड़े बांधों पर अंतर्राष्ट्रीय आयोग के मानदंडों के अनुसार “बड़े बांधों” की परिभाषा को अपनाया गया है। वर्तमान में भारत में 5264 पूर्ण बड़े बांध और 437 बड़े बांध निर्माणाधीन हैं, 01.01.2019 के अनुसार।। बांधों पर नवीनतम सामान्य ज्ञान पढ़ें।
बाँध किसे कहते है?
बाँध की परिभाषा: बाँध एक अवरोध होता है, जो बहते पानी को रोक कर बनाया जाता है। इसके फलस्वरुप एक विशाल जलाशय भी बन जाता है। इससे बाढ़ को रोका जा सकता है और जल सिंचाई, जलविद्युत, और पेय जल की आपूर्ति आदि में भी सहायता होती है। भारत में हजारों छोटे-बडे बांध हैं। राष्ट्रीय महत्व के बांध ऐसे बांध होते हैं जिनकी ऊँचाई 100 मीटर और उससे अधिक या 1 बिलियन क्यूबिक मीटर और उससे अधिक की सकल भंडारण क्षमता हो।
कितने प्रकार के बांध होते हैं?
आधुनिक तकनीक के साथ-साथ पुरातन पद्धती पर बने हजारों छोटे-बडे बांध अस्तित्व में हैं। आवश्यकता के अनुसार बांध कई प्रकार के होते हैं, जैसे:-
- ग्रेविटी बांध
- आर्क बांध
- तटबन्ध बांध
- रॉक फिल
- अर्क-ग्रेविटी बांध
- धरती भरने के बांध
- कंक्रीट फेस रॉक फिल बांध
- बर्रगेस बांध
बांध बनाने के क्या लाभ होते हैं?
बांध और जल परियोजनाऐं निम्नलिखित मूलभूल आवश्यकताओं की पूर्ति करने में योगदान देते हैं:-
- उचित रूप से डिजायन और सुनिर्मित किए गए बांध पेयजल और औद्योगिक आवश्यकताओं की पूर्ति करते हैं।
- वर्षा के दौरान प्राप्त अतिरिक्त जल का उपयोग शुष्क भूमि पर सिंचाई हेतु किया जा सकता है।
- बांध और जल परियोजनाऐं बाढ़ जैसे भयानक खतरे को रोकने में सहायक हैं।
- बांध में एकत्रित पानी से विद्युत का उत्पादन किया जाता है। यह स्वच्छ ऊर्जा देश के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जल विद्युत ऊर्जा का सस्ता, स्वच्छ और नवीनीकरणीय स्त्रोत है।
- बांध के निर्माण से आसपास का स्थान एक झील का रुप ले लेता है,जो मनोरंजन का स्त्रोत बन जाता हैं। लोग झील से नौकायन, तैराकी, मत्स्य पालन इत्यादि का भी लाभ उठा सकते हैं।
बांध बनाने से क्या हानियाँ होती हैं?
बांध बनने से केवन लाभ होते हों, ऐसा नहीं है। जल परियोजनाऐं हानियां भी करती हैं। बांधों से होने वाले कुछ नुकसान इस प्रकार हैं।
- नदी पर बांध बनने से जल-प्रवाह बाधित हो जाता है।
- बाढ़ निर्मित मैदान में बने जलाशयों में वनस्पति डूब जाती है और मृदा विघटित हो जाती है।
- बहुउद्देशीय परियोजनाएं तथा बड़े बांध विस्थापन के जन्मदाता बन जाते हैं। नर्मदा बचाओ आंदोलन और टिहरी बांध इनके उदाहरण हैं जिनके कारण लोगो को अपने घरो से पलायन करना पड़ा।
- बांधों के कारण पानी रुकने से मछलियों की कई प्रजाति समाप्त हो जाती है और जलीय जैव विविधता को नुकसान होता है।
- बांधो के जलाशयों में रुके पानी में हानिकारक कीटाणु पनपते हैं, जो जलाशयों के नजदीकी क्षेत्र में रह रहे लोगों की बीमारियाँ बढ़ाते हैं।
- बाँध के जलाशयों में पत्ते, टहनियां और जानवरों के मृत शरीर नीचे जमते जाते हैं और सड़ होने लगती है। पानी के नीचे इन्हें ऑक्सीजन नहीं मिलती जिस कारण मीथेन गैस बनती है जो कार्बन डाई ऑक्साइड से ज्यादा ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ाती है।